माटी 

यह माटी कितनी पावन है 

ये माटी ही तो चन्दन है. 


यह माटी जीवन देती है 

यह माटी तो खुद जीवन है. 


वीर शहीदों के शोणित से,

महका माटी क़ा कण कण है. 


देश की माटी सिर माथे पर,

इस माटी का अभिनन्दन है.

-समर्पित  

     

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