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‘‘ईश्वर के न मानने में हानि’’      प्रायः यह सुना जाता है कि अमुक व्यक्ति ईश्वर को नहीं मानता और बहुत सुखी है तथा अमुक ईश्वर को मानता है, वह दुःखी  है अतः ईश्वर के मानने का क्या लाभ हुआ? यह शंका अधिकतर लोगों को घेरे रहती है। इस पर भी विचार किया जाना अति आवश्यक है। आइये, इस लेख के माध्यम से हम संक्षिप्त रूप में यह चर्चा करें कि ईश्वर को न मानने से क्या हानियां हैं। इससे आस्तिक लोगों को तो जो लाभ होगा सो होगा ही परन्तु एक तर्कपूर्ण विवेचन होने से नास्तिक लोगों को भी उतना ही लाभ होगा। यूं तो ईश्वर के न मानने से अनेकों समस्यायें/हानियां उपस्थित होती हैं परन्तु मुख्य रूप से कुछ निम्न बिन्दुओं में हमने इनको सम्मिलित करने का प्रयास किया है जिनमें सामान्य रूप से कई बातें आ जाती है। 1    कृतघ्नता:- सबसे पहली हानि तो जो ईश्वर के न मानने से होती है वह है कृतघ्नता। ईश्वर हमारे ऊपर अनन्त उपकारों की वर्षा करते हैं। अपनी दया व अनुकम्पा से अनादि काल से हम लोगों को कल्याण ही करते रहते हैं और अनन्त काल तक करते रहेंगे। आश्चर्य इस बात का है कि इसके बदले में वे हमसे लेते कुछ भी नहीं। जबकि संसार में यदि